मेरी दादी मोहतरमा बस्सी देवी, सख्त मिज़ाज, मज़हब-परस्त, मगर नेक दिल घरेलु औरत थीं* हमारे कारोबार व घोड़ी-ताँगा हांकने वाले मुस्लमान कारिंदे थे* सुबह सवेरे दरिया से नहा कर आते वक़्त; खुदा न खास्ता सामने से उन पर किसी मुस्लमान की परछाई पड़ जाती; तो वापस दरिया पर जाकर आती* जंगल से आने वाली जलाऊ लकडिया धोकर इस्तेमाल करती थी* घर में आने वाले राशन में से हल्दी नमक चावल लकड़ी वगैरा में से कुछ अलग से बचाकर रख लेती थी* जो तंगहाली या बरसात में इस्तेमाल करती थीं* बिना उनकी इजाजत रसोई में दादाजी पिताजी या चाचाजी भी नहीं जा सकते थे * 1948 की भागम भाग से पहले ही उनका इंतकाल हो चुका था*
मेरी नानी कौशल्या देवी, दादा दुर्गादास जी , गुरादित्तामल जी, बृजलाल जी, व मेरे छोटे दादा नन्दलाल जी की सास सीतादेवी और जम्मू रहने वाले सुंदरदास जी, कांगड़ा रहने वाले भगतराम व बंसीलाल ये सब मेरी दादी के ममेरे/मौसेरे/फुफेरे भाई बहन लगते थे, इन साहेबान की ज़बानों से ही मुझे अपनी दादी के किस्सों का इल्म हुआ* इनमे से अब कोई भी मौजूद नहीं है*
अब जब कभी कोई बुजुर्गवार गुस्सा में कुछ कहता है, तो यूँ लगता है; जैसे उनमे से ही कोई मुझे ज़िन्दगी का फलसफा समझा रहा हो*
जय हिंद جیہینڈ ਜੈਹਿੰਦ
अब जब कभी कोई बुजुर्गवार गुस्सा में कुछ कहता है, तो यूँ लगता है; जैसे उनमे से ही कोई मुझे ज़िन्दगी का फलसफा समझा रहा हो*
जय हिंद جیہینڈ ਜੈਹਿੰਦ
From: deendayal sharma
जवाब देंहटाएंDate: Tue, 1 Nov 2011 18:21:30 +0530
[APNY-BAAT] YAADEN (7) यादें (७)
To: Ashok Kumar
dadi ke baare me jankar accha lga..bujurgon ko apne yaad kiya...aur bhi
accha lga...
Deendayal Sharma
From: vikas sharma
जवाब देंहटाएंDate: Fri, 11 Nov 2011 22:11:55 +0530
Subject: Re: APNY-BAAT:YAADEN (7) यादें (७)
To: Ashok Kumar
Restpect Sir,
Aapke Blogs "Yaaden" Padkhar bahut achha lagta hai. Aap aapni purani
yaden Blogs ke madhyam se hum logo se share karte hain. We are
greatful to you for this. Main apni family ki histroy itni detail se
nahi jaanta. Your blog yaaden is really wonderful!