रविवार, 25 मई 2014

YAADEN (142) यादें (१४२)

९ फ़रवरी १९८१ को श्री ओमप्रकाश जौहर  शादी थी; ससुराल में सबसे ज्यादा पूछ मेरी  होनी थी; उनके सारे रिश्तेदार कानपूर,  अम्बाला, यमुनानगर, कानपुर , दिल्ली से जो भी आये थे, मुझसे सभी हिलमिल के मिले, खूब उधम-धमाल हुआ, उन सबमें VIP मैं ही था; वैसे भी मेरी शादी के बाद ससुराल में पहला कारज था; उन सबसे मेरा झगड़ा एक ही बात पर होता था, कि वे अपनी और से जब मान-सम्मान स्वरूप रुपए देते थे तो मैं  लेता था, वे से मेरी शिकायत करते थे- आपका जवाई कैसा है ? शगुन  लेता !
वे भी नाराज़ ! मैं भी नाराज़ !! और मेरे सास-ससुर जी भी नाराज़ !!!
खैर कुल मिलकर बड़ा मज़ा आया;
बारात गंगानगर में आदर्श सिनेमा के पास स्वामी-समाज सभा कि धर्मशाला में ठहरी थी; श्री सत्यपाल असड़ी के निवास  86G राजकीय आवास में ढुकाव हुआ; और दूसरे दिन हम डोली लेकर घर रायसिंह नगर आ गये !
जयहिंद جیہینڈ  ਜੈਹਿੰਦ 
Ashok 9414094991, Tehsildar ; Sri Vijay Nagar 335704 
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रविवार, 18 मई 2014

YAADEN (141) यादें (१४१)

4BLD में गुरमेल सिंह बराड़ के पास scooter Lamby 150 था; जिसका उसने उपवैद्य सतनाम सिंह चावला के JAWA motorcycle के साथ तबादला कर लिया था; गुरमैल से मोटरसाइकिल RRK 2299 मैंने खरीद लिया था; उस समय तक जावा बंद होकर COMPANY ने Yezdi चला दिया था;
लगभग उन्ही दिनों मैंने शंकरलाल खीचड़ से एक national Panasonic tape-recorder R ३०००/- में खरीदा ; फिर मैंने एक Loud-speaker सेट भी R १३००/- में खरीदा; जब sky-lab गिरना था; और एक दो बार सूर्य-ग्रहण, चन्द्र-ग्रहण पर मैं अपनी छत पर लगा कर भजन बजाता था;
जग देया चन्नणा तू मुख लुका वे,
बाबा राम देव जी ओ थाने खम्मा घणी,
मैं तो आरती उतारू ऐ संतोषी माता;
०१/०४/१९८१  को road-accident होने के बाद माँ-बाप ने मुझे motor-cycle नहीं चलने दिया; ताराचन्द मुनीलाल वाले शांति स्वरुप अग्रवाल (बँसल मेडिकल स्टोर रायसिंह नगर ) का लड़का गोविन्द उस समय हमारे घर रह कर गाँव में डाकटरी का काम करता था; motorcycle  दिया; ये LOUD-SPEAKER Set मैंने एक दो साल रख कर नानुवाला मंदिर में दे दिया था;

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रविवार, 11 मई 2014

YAADEN (140) यादें (१४०)


समय  से पहले और भाग्य से अधिक नहीं मिलता; इसका प्रत्यक्ष अनुभव हुआ; 1980 के दशहरे और दीपावली के बीच, काँगड़ा से  मित्र सतीश कुमार सूद आये,  उनके पिता जगतराम के नाम 3STB में मुरब्बा 210382 का कुछ झगड़ा था; हम दोनों रायसिंहनगर AMBIKA IRON STORE पर गये, हमारी खरीददारी के दौरान ही, कोई AGENT आया और दीपावली की भेंट स्वरुप दुर्गा माता का प्लास्टिक फ़ोटो दुकान पर दे गया; मुझे वह चित्र बहुत पसन्द आया, मैंने मांग लिया, और मोहनलाल गर्ग ने भेंट मुझे दे दी; वापस नानूवाला आ  गए, दुसरे दिन सुबह हमने अनूपगढ़ जाना था; घर से चलने लगे तो वह चित्र सतीश ने मांग लिया और मैंने दे  दिया; अनूपगढ़ दिन में काम करके, हम दोनों घड़साना की बस में रवाना होकर 6P के अड्डे पर उतरे फ़ोटो तो सतीश जी ने उतार लिया, पर मेरा स्वेटर बस में ही चला गया; वहाँ से हम दोनों पैदल पण्डित बक्शी राम जी की ढाणी  अँधेरा होने पर पहुँचे, पण्डित जी का लड़का अशोक उस वक़्त बीकानेर पढ़ता था; रात वहाँ रुककर सुबह जब चलने लगे; तो सतीश जी ने फ़ोटो और स्वेटर की कहानी पंडित जी को सुनाई; उन्होंने फ़ोटो देखी, और मांग ली !

जयहिंद جیہینڈ  ਜੈਹਿੰਦ 
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रविवार, 4 मई 2014

YAADEN (139) यादें (१३९)

ओम ठेकेदार ने हमसे ब्याज़ पर रकम ली; बाद  काम बढ़ाने का कह कर उसने  हमारी २५% साझेदारी की बात कह कर और रकम ली; मेरे  जोर देने पर पिताजी मान गये; उसी दरम्यान सुखपाल सिंह निवासी 3W करणपुर भी साझेदार बना; शायद २९ अगस्त, १९८१ को मेरे मोटरसाइकिल, RRK 2299 पर 3W गये, उस समय रायसिंह नगर-गजसिंहपुर-करणपुर सड़क नहीं थी; हमें पदमपुर-करणपुर -केसरीसिंहपुर होकर जाना पड़ा था; मुझे अच्छी तरह से याद है, उन्होंने नई फूलगोभी की सब्ज़ी बनाई थी; पर अभी २०१३ में सितम्बर में भी गोभी बाज़ार में नज़र नहीं आई;
एक दो बार वह भी हमारे घर रुका था; कुल मिलाकर ओम के साथ साझेदारी हमें फलदाई नहीं  हुई;और हमारी  डूब  गई; दो-चार बार हम दोनों बाप-बेटा बल्लेवाला उसके घर भी गये; पर कोई फायदा नहीं हुआ; उसने एक गाय दी, न तो उससे लेनदारी चुकता हुई, न ही हमारे लिए लाभदायक हुई; शायद वह खुद तपैदिक रोगी था; बाद में उसकी मृत्यु हो गयी थी; मुझे आज भी उसकी हालात का दुःख है; और मानता हूँ कि; हमें उससे गाय नहीं लेनी चाहिए थी !   
जयहिंद جیہینڈ  ਜੈਹਿੰਦ 
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