रविवार, 29 दिसंबर 2013

YAADEN (121) यादें (१२१)

1978 में ठीक 21 साल की उम्र में मैं रायसिंहनगर SBBJ स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर एंड जयपुर में केशियर (80 दिन हेतु ) लग गया! कन्हैयालाल  कोचर शाखा प्रबन्धक थे, इंद्रचन्द बच्छावत सहायक प्रबंधक, JR Pathak (जसवंत राय) HEAD CASHIER, लाल चंद खोसला CASHIER   शंकरलाल राठी, बृजमोहन गर्ग, ओम प्रकाश सिंगल, नवल राम दवा, सुभाष तुली, कर्म चंद, गुरदयाल सिंह, कुछ की शक्लें मुझे याद हैं पर नाम भूल गया; 
राठी जी को मैं रामलीला से जानता था; नवल राम कक्षा 6 से 8 तक 25 NP का सहपाठी था;  मेरे पास RECEIPT प्राप्तियां थीं, सुबह 9.45 पर स्ट्रोंग रूम खोलकर पाठक जी व खोसला जी के साथ CASH गिनना, 10 बजे से 12 बजे तक सरकारी प्राप्तियां, और 2 बजे तक गैर-सरकारी प्राप्तियां, शनिवार को एक घंटा जल्दी बंद !  2.30 तक छुट्टी, फिर CASH-BOOK की प्राप्तियों का ACCOUNT OFFICER के खाते से मीलन, FINAL DAILY ACCOUNT की RECEIPT/PAYMENT का मिलान; CASH गिनना ISSUABLE और NON-ISSUABLE की अलग अलग गड्डियां बनानी, सिलना, CASH-BOX में रखना; STRONG-ROOM  बंद करना; शुक्रवार शाम को LEDGERS का साप्ताहिक मिलान करना;
इसी बीच होली पर राठी जी ने अपनी और से बैंक में ही मिठाई पकौड़े का इंतजाम किया; खा-पी कर जब
चलने लगे, तो राठी जी बोले -भाई पकौड़ों में भाँग है; मैं हुत ही संभल-संभल कर cycle चलाता रहा; पर घर पहुँचने तक, मुझे कुछ महसूस नहीं हुआ; शायद यह उनके मजाक की अदा थी !
सुबह-शाम मुझे गुरजंट सिंह को पढ़ाना होता था; इस वज़ह से शाम को ज्यादा देर नहीं रुक सकता था; कोचर साहब ने बनारसी दास मल्होत्रा से मुझे कहलवाया कि बैंक आपका CARRIER है; मैंने उन्हें स्पष्ट कर दिया कि बैंक मेरा CARRIER नहीं है; मैं खुद ही अपना CARRIER हूँ ! इस तरह मैनेजर की नाराज़गी के चलते ही मैंने शनिवार 22 अप्रैल तक 80 दिन पूरे करके SBBJ को अलविदा कह दिया !!    

रविवार, 22 दिसंबर 2013

YAADEN (120) यादें (१२०)

 पटवार परीक्षा का परिणाम आने से पहले ही मेरा राजस्थान लोक सेवा आयोग से LDC में चयन हो गया था, पर मैं TYPE-TEST देने नहीं गया; मेरे खास दोस्त श्याम सिंह का रिश्ता मेरे पिताजी ने ही छोटा लालपुरा में बेलीराम आहूजा की लड़की विमला से करवाया, जो कि सुरेन्द्र कुमार के बड़े भाई थे; इनका मूल गाँव करडवाली है! यानि कि धनीराम जी की लड़की राजकुमारी, विमला की चाची है;
इसी दरम्यान मैं डोईवाला, भानियावाला, जॉली, देहरादून भी चक्कर लगा आया था; तब तक विश्वनाथ, श्याम सिंह, और हमारा पडोसी जरनैल सिंह रायसिख PWD में बेलदार लग चुके थे, पंडित तीरथराम जी का बड़ा लड़का तिलक राज विजयनगर RCP में LDC लग चूका था और ठाकुर सिंह जी का लड़का करण सिंह और मेरा सहपाठी श्रीराम ये दोनों भी विजय नगर में ही पुलिस में सिपाही लग चुके थे;
मोरारजी सरकार ने संसद में 44 वाँ संविधान संशोधन रखा,  जिसमे नागरिक अधिकारों को पुनः बहाली के लिए  42 वें संशोधन की पाबंदियों को भी खत्म किया गया ! इस तरह से अजीब-ओ-ग़रीब हालत और वाक़यात वाला 1977 बीत गया !

रविवार, 15 दिसंबर 2013

YAADEN (119) यादें (११९)

 इस तरह 1977 शुरूआती आठ माह तक विस्मयकारी राजनीतिक उथल-पुथल से भरपूर रहा; मैं BA FINAL परीक्षा से तो वंचित हो ही गया था; पटवार परीक्षा भी अप्रैल से सितम्बर तक सरकती रही;
मैं यदा-कदा सतज़ण्डा, जैतसर और करणपुर भी आता-जाता रहता था; 
उस समय जुलाई अगस्त में घग्घर नदी में बाढ़ आने पर सूरतगढ़ से जैतसर के बीच रेलगाड़ी बंद हो जाती थी; सूरतगढ़ से जैतसर तक बस में आना पड़ता था आगे भी अगर रेलगाड़ी न मिले तो डाबला-मुकलावा-20PS होकर आते या फिर विजयनगर होकर बस से आते-जाते थे;
इसके अलावा में रोज सुबह cycle पर रायसिंहनगर बजरंग लाल सत्यनारायण गर्ग के परिवार में उनके 7-8 बच्चों को पढाने भी जाता था; पर मैंने आज तक किसी से भी अध्यापन या सलाह के लिए मेहनताना नहीं लिया;  
  अक्तूबर में राठी उच्च माध्यमिक विद्यालय सूरतगढ़ में हुई; मैं और ओम इकट्ठे CANAL COLONY  में रहते थे; गणित का पेपर कुछ ठीक नहीं हुआ था; मुझे उसमे 86 से अधिक नंबर आने की उम्मीद नहीं थी; और संयोगवश किसी कारण से गणित की परीक्षा दुबारा हुई, उसमे 16-16 नम्बरों के 6 सवाल करने थे ; इसमें मेरे 96 नंबर आये, MENSURATION में  मुझे 48/ 50  अंक मिले;
कुल 436 में से 338 अभ्यर्थी सफल हुए, उनमें मेरा तीसरा स्थान था;           

रविवार, 8 दिसंबर 2013

YAADEN (118) यादें (११८)

लोक सभा आम चुनाव 1977 के बाद  नीलम संजीव रेड्डी लोकसभा अध्यक्ष बने; उपप्रधान मंत्री (गृह-मंत्री) चौधरी चरण सिंह ने दो कार्यवाहियां बहुत ही गलत की, जो न तो प्रशासनिक थीं, न ही राजनीतिक ; मैंने इसे व्यक्तिगत द्वेषता की श्रेणी में ही  रखा था; और इनका खामियाजा बाद में चौधरी चरण सिंह और जनता-पार्टी के साथ-साथ राष्ट्र को भी भुगतना पड़ा; 

1 - 9 उत्तरी राज्यों में सरकारों को इस आधार पर भंग कर दिया गया, कि  77 के आम चुनावोंके परिणाम कांग्रेस के खिलाफ गया, इसलिए ये कांग्रेसी मुख्य-मंत्री जनमत  खो चुके हैं; 
2- इंदिरा गाँधी को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया; 

राष्ट्रपति ( BD JATTI उपराष्ट्रपति ) ने  विधान सभाओं को भंग करने के अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया; चौधरी चरण सिंह ने कहा कि यदि राष्ट्रपति हस्ताक्षर नहीं करेंगे तो हम रेडियो पर घोषणा द्वारा लोक-सभा भंग करके नये चुनाव करवाएँगे; इस धमकी के बाद अध्यादेश पर हस्ताक्षर हो गये; 
उत्तरी राज्यों में भी जनता पार्टी और उसके सहयोगी क्षेत्रीय दलों की सरकारें बनीं - 
इसके तुरंत बाद जुलाई में राष्ट्र्पती के  चुनाव में भी श्री नीलम संजीव रेड्डी लोकसभा अध्यक्ष को ही सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुना गया; ये स्टष्टतः 1969 की हार का बदला था; 

जयहिंद جیہینڈ  ਜੈਹਿੰਦ 
Ashok 9414094991, Tehsildar ; Sri Vijay Nagar 335704 
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रविवार, 1 दिसंबर 2013

YAADEN (117) यादें (११७)

1977 की अजीबो गरीब   शुरुआत हुई; समय अनिश्चयात्मक और आकस्मिक घटनाओं से भरा रहा;  3 जनवरी से हमने सिंचाई पटवारी प्रशिक्षण शुरू किया;
 18 जनवरी  को प्रधान-मंत्री इंदिरा गाँधी ने अचानक आम चुनाव की घोषणा कर दी;  11 फ़रवरी को राष्ट्रपति फ़खरूद्दीन अली अहमद की मृत्यु होने से, उपराष्ट्रपति बासप्पा दानाप्पा जत्ती (BD Jatti ) ने कुर्सी संभाली;
 देश ने राजनीतिक अंगड़ाई ली; जगजीवन राम; हेमवती नंदन बहुगुणा, नंदिनी सत्पत्थी ने congress को छोड़ कर नया दल CFD (Congress For Democracy) बनाया;
जेल में बंद विपक्षी नेताओं ने मिलकर जनता पार्टी JP बनाई जिसे हलधर का निशान मिला; इसमें जनसंघ, भारतीय लोक दल, समाजवादी पार्टी, स्वतंत्र पार्टी,  भारतीय क्रांति दल BKD, प्रजा सोशलिस्ट, शामिल हुए; मोरारजी देसाई अध्यक्ष , रामकृष्ण हेगड़े महासचिव और लाल कृष्ण आडवाणी प्रवक्ता बने; कुछ क्षेत्रीय दलों ने JP के साथ चुनावी गठबंधन किया,
बीकानेर संसदीय क्षेत्र से चौधरी हरिराम मक्कासर और गंगानगर से बेगाराम विजयी हुए;
उत्तर भारत में कांग्रेस की जबरदस्त हार हुई; राजस्थान में 25 में से केवल एक नागौर में रामनिवास मिर्धा जीते, उत्तर प्रदेश के समस्त 85  स्थानों पर इंदिरा गाँधी, संजय गाँधी समेत हार हुई;  330 /542 के बहुमत से मोरारजी देसाई 23 मार्च को, पहले गैर-कांग्रेसी सरकार के प्रधान-मंत्री बने; अटल बिहारी वाजपई विदेश-मंत्री, चरण सिंह उप प्रधान-मंत्री (गृह ), जगजीवन राम को भी उपप्रधान मंत्री बनाया गया; कुछ राज्यों के मुख्य मंत्री भी केन्द्रीय मंत्रालयों में आ गये;

 हल्की सी चर्चा थी कि प्रशिक्षणार्थीओं को भी चुनाव-कार्य में लगाया जा सकता है;  इस राजनीतिक परिदृश्य की अनिश्चयता और सिंचाई विभागीय पटवारी की परीक्षा (जो अप्रैल से सरकती-सरकती अक्तूबर में हुई); की आशा में मैंने भोपाल विश्वविद्यालय BA Final को छोड़ दिया था;


जयहिंद جیہینڈ  ਜੈਹਿੰਦ 
Ashok 9414094991, Tehsildar ; Sri Vijay Nagar 335704 
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