रविवार, 29 सितंबर 2013

YAADEN (108) यादें (१०८)

मई 1976 की एक शाम, पिताजी कहीं इधर-उधर गये थे,  मैं दुकान के बाहर खड़ा था; सामने दक्षिण दिशा से पंडित तीरथ राम जी आ रहे थे ; मुझे देख कर रुके और बोले -
 तू भी उनके साथ बिजय नगर चला जा;
मैंने जिज्ञासा-वश उनकी और देखा तो बोले-
कल सुबह सुल्तान, मनीराम और रोशन पटवारिओं के FORM भरने जा रहे हैं; मैंने हामी भर दी; सुबह 8.45 की बस से हम रवाना हुए;  र 2.25 किराया था;  10 बजे नगर-पालिका के पास बस ने उतारा, वर्तमान तहसील भवन में घडसाना खण्ड का कार्यालय था;  र 5 के 4 फॉर्म हमने लिए; शाम 5 बजे बस से रवाना होकर नानुवाला कोठी उतरे; एक दुसरे से पटवारी जी- पटवारी जी कह कर मजाक करते जाते थे; वे तीनों REVENUE / IRRIGATION शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे; मुझे इन दोनों शब्दों का मतलब पता नहीं था; दूसरा वे कह रहे थे कि केवल राजस्थान में पढ़े हुए ही इस पद पर आवेदन कर सकते हैं; मैंने इस वार्तालाप में  मान लिया था कि ; मेरा आवेदन नहीं माना जावेगा; एक और घटना क्रम हुआ; उन तीनों ने तहसीलदार रायसिंह नगर से फोटो-आवेदन प्रमाणित करवाया और REGISTERED डाक से भेजे; मैंने SDM साहब से प्रमाणित करवाया और साधारण डाक 25 पैसे वाले लफाफे में भेजा; बाद में आपसी बातचीत में उन्होंने बताया कि फोटो तो तहसीलदार से प्रमाणित करवाना था; तुमने गलत करवाया है; पर मैं इस विचार-धारा पर कायम  था कि SDM तो तहसीलदार से बड़ा होता है;

       

जयहिंद جیہینڈ ਜੈਹਿੰਦ
Ashok 9414094991, Tehsildar ; Sri Vijay Nagar 335704
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रविवार, 22 सितंबर 2013

YAADEN (107) यादें (१०७)

एन वक़्त पर विषय बदल जाने और गणित का III पेपर छोड़ देने के बावजूद, मैं II श्रेणी नम्बरों से BA IIYEAR पास हो गया था ! भोपाल से लौट कर मैं अंपने पैरों पर खड़ा होने के लिए कटिबद्ध हो गया; दादा गुरदित्ता मल जी के साथ मैंने PUNJAB NATIONAL BANK के सामने रायसिंहनगर में होटल कर लिया; ये सेवक राम तुली की दुकान थी; तब मैंने पहली EICHER TRACTOR देखा था;  उन्हीं दिनों मेरी शादी कोराँ देवी ईशर दास जी की बेटी कमलेश के साथ करवाने की जबरदस्त चर्चा पंडित तीरथ राम जी ने चलानी शुरू कर दी; अंतर्मन में मुझे ये सब कुछ काफी बुरा लगा था, ज़ाहिर तौर पर मैं उनका विरोध नहीं कर सका था;

रोशन चाचा जी ने इस बारे में मेरी सलाह पूछी तो मैनें उन्हें स्पष्ट बता दिया था, कि मैनें कभी कमलेश को इस नज़र से नहीं देखा ;
उन्होंने पिताजी को ये बात बता दी; तब मैं दूसरी बार बुड्ढा-जोहड़ रायसिंहनगर से जैतसर वाली बस में बैठकर गया था;   

रविवार, 15 सितंबर 2013

YAADEN (106) यादें (१०६)

भोपाल होटल भोपाल , के मालिक चोपड़ा परिवार का हम सब के साथ बहुत अच्छा व्यवहार था; बिलकुल घर जैसा माहौल था; राजस्थान से मैं अकेला था बाकी पंजाब हरयाणा से थे; अश्विनी, कपिला, सिंगला, गाँधी, एक सरदारजी और एक लड़की शायद करनाल से, कुल छः;  विजय जी के अलावा एक भाटिया साहब भी हमारे साथ गये थे, वहाँ चोपड़ा परिवार के सदस्यों के अलावा एक सोढ़ी जी थे, जो अक्सर हमारे पास आ जाते थे गपशप के लिए; उन दिनों इंदिरा गाँधी के 20 (21 ) सूत्री कार्यक्रम के साथ-साथ संजय गाँधी का 4 सूत्री कार्यक्रम और राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद का 2 सूत्री कार्यक्रम भी चल रहा था; सोढ़ी अक्सर इन कार्यक्रमों की चर्चा करता रहता था; विजय, सरदारजी, और लड़की हिंदी में बोलते थे, बाकि हम सब चोपड़ा जी का परिवार और सोढ़ी पंजाबी में ही बोलते थे; हमने काफी घुमाई भी की थी;
 भोपाल में मेरे लिए एक नई बात ये थी कि पानी की सुराहियों के पास गीले चूने की पुडिया पड़ी रहती थी , लोग अंगुली से थोडा सा चूना चाट कर पानी पीते थे; पूछने पर पता चला कि CALCIUM की कमी है;
   उसी दरम्यान मध्यप्रदेश में विद्याचरण शुक्ल को बदल कर उनके ही भाई श्यामाचरण शुक्ल को  मुख्य-मंत्री बनाया गया;
परीक्षा के कार्यक्रम में मेरे साथ एक और हादसा पेश आया; मेरा गणित III तथा एक अन्य विषय के प्रश्न पत्र एक ही समय थे; जो स्पष्टतः विश्वविद्यालय की गलती थी; मुझे दुसरे साथियों ने अदालत से परीक्षा रुकवाने की सलाह दी; पर मैंने कहा कि मैं गणित III पेपर छोड़ दूंगा फिर भी पास हो जाऊंगा; इसी आत्म-विश्वास के साथ मैंने गणित III पेपर छोड़ दिया;



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रविवार, 8 सितंबर 2013

YAADEN (105) यादें (१०५)


अपनी पूरी तैयारी के साथ मैं BA (PRE) की परीक्षा के इंतजार में था, प्रवेश पत्र आया तो उसमें MATHS APPLIED की बजाय हिंदी विषय था; मैंने हिम्मत नहीं हारी और पन्द्रह बीस दिन में ही हिंदी की तैयारी कर ली, अप्रैल 1976 में परीक्षा देने भोपाल जाने के लिए लुधियाना में इकट्ठे हुए, वहाँ से दोपहर को 12 बजे अमृतसर दादर एक्सप्रेस में चले, कुछ साथी शाम को 3 बजे शाने-पंजाब से रवाना हुए और नई दिल्ली  रात 9 बजे हमारे साथ हो गये, सुबह भोपाल पहुंचे, स्टेशन के पास ही चोपड़ा जी के भोपाल होटल, में PAYING-GUEST के रूप में रुके थे; र 35 / प्रतिदिन के हिसाब से; जो उस वक़्त के हिसाब से मुझे महंगा ही महसूस हुआ था;  

  
जयहिंद جیہینڈ  ਜੈਹਿੰਦ 
Ashok 9414094991, Tehsildar ; Sri Vijay Nagar 335704 
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रविवार, 1 सितंबर 2013

YAADEN (104) यादें (१०४)

और इस तरह उथल-पुथल भरा 1975 निकल गया; इस दरम्यान मैंने पिताजी के साथ दुकान का काम काफी हद तक संभाल लिया था; रायसिंहनगर में खरीद-फरोख्त के लिए मैं जाने लगा था; पंडितों की दुकान पर चाचा सुरेशलाल व रोशनलाल थे;  उन दोनों के साथ शुरू से ही मेरी  अच्छी पटती थी; 
gmm1780218681.jpgBAKERY वाला विचार लगभग ख़त्म हो गया था; वज़ह कि, पिताजी मेरे साथ किसी को साझे में रखवाना चाहते थे और मैं अपने साथ किसी को भी साझे में रखने को तैयार नहीं था; 1976 के शुरुआत, शायद फरवरी में बाशी चाचा जी (सुभाष चन्द्र शर्मा) की शादी थी, बारात नानुवाला से पदमपुर गयी थी; 
मैं ALL INDIA RADIO की उर्दू सर्विस और विविध-भारती सुना करता था; लगभग उन्हीं दिनों भारत-सरकार ने रोजगार समाचार तथा EMPLOYMENT NEWS का प्रकाशन शुरू किया, जिसकी कीमत 25 पैसे रखी गयी थी; मैं पहला अंक खरीदकर लाया था;  
  मुल्क के सियासी हालात काफी पेचीदा होते जा रहे थे; PRESS CENSORSHIP पूरी तरह लागू थी; भारत की चारों संवाद समितियों PRESS TRUST OF INDIA, UNITED NEWS OF INDIA, हिंदुस्तान समाचार तथा समाचार भारती को विलय कर एक ही 'समाचार' बना दी गयी थी; 
तब तक हलके फुल्के अंदाज़ से रिश्तेदारियों में मेरी शादी की चर्चाएँ होने लगी थीं;

जयहिंद جیہینڈ  ਜੈਹਿੰਦ 

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