रविवार, 22 अप्रैल 2012

YAADEN (33) यादें (३३)

हमारे घर से उत्तर दिशा में रायसिखों के घर थे, करनैलसिंह जरनैल सिंह (केलि जेली) की दिवार हमारे साथ लगती थी, उस वक़्त कुंदन सिंह, लद्दासिंह (लद्दू) भी वहीँ रहते थे बाद में उन्होंने पश्चिम दिशा में मामा हरिराम कडवासरा से उत्तर में चिपता हुआ बनाया था; शमीर सिंह का परिवार कुछ दूर नहर के पास था; वे लोग शराब का धंधा करते थे, अक्सर पुलिस आती रहती थी; उत्तर-पश्चिम में नहर के दोनों ओर सरकनों में शराब की भट्ठियां बरामद होती रहती थी; ये शाह-मात और लुका-छिपी चलती ही रहती थी;करनैल की शादी की मुझे पूरी होश है; फाजिल्का से उनके काफी रिश्तेदार आये थे; ;उनमे से नारायण सिंह (नैणा) ने शराब पीकर काफी उत्पात किया था तलवारें भी चली थीं; कोई भागता हुआ दीवार फांद कर हमारे घर में से भाग रहा था कोई गालियाँ निकाल रहा था, कोई पकड़ने को पीछे दौड़ रहा था किसी के खून निकल रहा था, कोई तलवार लहरा रहा था; रोने-धोने पकड़ने-पकड़वाने गालियाँ निकालने छुड़ाने में औरतें भी शामिल थीं;  करनैल की पत्नी हमारे साथ घर परिवार जैसी घुल-मिल गई थी; मै उसे जग्गो भाभी कहता था; बाद में इन लोगों को RCP
में ज़मीनें ALOT हो गई थीं वे सरदारपुरा बीका (खिचियाँ) चले गए; करनैल सिंह का परिवार अभी भी हमारे पड़ोस में है;

जय हिंद جیہینڈ  ਜੈਹਿੰਦ
      Ashok, Tehsildar Hanumamgarh ९४१४०९४९९१
MY HOUSE NANUWALA AT GLOBE 73.450529E; 29.441214 N  

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