GKS Bank में मैं क्लर्क के पद पर था; कृष्ण लाल पूनिया cashier थे, manager का पद खाली होने से, ओम प्रकाश सहारण कार्यवाहक प्रबंधक थे, रघुबीर सिंह गार्ड था; पृथ्वीराज ड्राईवर था; वहां पर ग्राम सेवा सहकारी समितिओं का काम ज्यादा था; दूसरा हुण्डी का काम था; यानि कि कोई कम्पनी स्थानीय व्यापारी को सामान की बिल्टी भेजती और उसकी रकम वसूली करके कागज़ात व्यापारी को देने और रकम कंपनी को demand draft या सम्बंधित बैंक को सीधे ही कंपनी के खाते में जमा करने की invoice भेजने का काम बैंक के जुम्मे होता था; daily account और ledger दोनों प्रकार की बहियाँ मैं लिखता था;
एक दिन न्याय विभाग कर्मचारी संघ का कोई ड्राफ्ट बनाना था; मुझे लिखाई समझ नहीं आई, और मैंने चाय विभाग के नाम का DD बना दिया
एक बार 25000 /- का DD बनाना था, मैंने गलती से CARBON उल्टा लगाने की बजाय सीधा लगा दिया; और एक की बजाय दो DD बन गये; मैंने ओम जी को बताया, तो उन्होंने नीचे कार्बन वाला CANCEL किया; ३
एक दिन न्याय विभाग कर्मचारी संघ का कोई ड्राफ्ट बनाना था; मुझे लिखाई समझ नहीं आई, और मैंने चाय विभाग के नाम का DD बना दिया
एक बार 25000 /- का DD बनाना था, मैंने गलती से CARBON उल्टा लगाने की बजाय सीधा लगा दिया; और एक की बजाय दो DD बन गये; मैंने ओम जी को बताया, तो उन्होंने नीचे कार्बन वाला CANCEL किया; ३
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