रविवार, 22 सितंबर 2013

YAADEN (107) यादें (१०७)

एन वक़्त पर विषय बदल जाने और गणित का III पेपर छोड़ देने के बावजूद, मैं II श्रेणी नम्बरों से BA IIYEAR पास हो गया था ! भोपाल से लौट कर मैं अंपने पैरों पर खड़ा होने के लिए कटिबद्ध हो गया; दादा गुरदित्ता मल जी के साथ मैंने PUNJAB NATIONAL BANK के सामने रायसिंहनगर में होटल कर लिया; ये सेवक राम तुली की दुकान थी; तब मैंने पहली EICHER TRACTOR देखा था;  उन्हीं दिनों मेरी शादी कोराँ देवी ईशर दास जी की बेटी कमलेश के साथ करवाने की जबरदस्त चर्चा पंडित तीरथ राम जी ने चलानी शुरू कर दी; अंतर्मन में मुझे ये सब कुछ काफी बुरा लगा था, ज़ाहिर तौर पर मैं उनका विरोध नहीं कर सका था;

रोशन चाचा जी ने इस बारे में मेरी सलाह पूछी तो मैनें उन्हें स्पष्ट बता दिया था, कि मैनें कभी कमलेश को इस नज़र से नहीं देखा ;
उन्होंने पिताजी को ये बात बता दी; तब मैं दूसरी बार बुड्ढा-जोहड़ रायसिंहनगर से जैतसर वाली बस में बैठकर गया था;   

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें