रविवार, 4 नवंबर 2012

YAADEN (61) यादें (६१)

छटी कक्षा के दौरान ही अक्तूबर 1967 में हमारे HEADMASTER दुलाराम जी के ससुराल मन्नीवाली मैं मामी जी के साथ दीवाली की छुट्टियाँ बिताने गया। साथ उनके बच्चे संतोष और राकेश भी थे। रायसिंह नगर से दोपहर एक बजे की रेलगाड़ी से सदुलशहर तक SECOND CLASS के डिब्बे में। (उस ज़माने रेल में I, II, III CLASS होती थी।) वहाँ उनके आढ़तियों की दुकान पर गए; तो उन्होंने मन्निवाली तक JEEP किराये पर पर लेकर दी लगभग दिन छिपने पर हम मन्नीवाली पहुंचे।
  मामीजी के पिताजी का नाम मनीराम यादव था। उनके बड़े भाई का नाम रामस्वरूप और छोटा लालचन्द था। उनकी एक भतीजी का नाम स्नेह था। मैं उन्हें यथा-योग्य नाना-नानीमामा-मामी ही कहता था। लालचंद जी अध्यापक थे। 1982-84 में जब मैं लालगढ़ जाटान था तो वे MIDDLE SCHOOL पन्नीवाली में HEADMASTER थे। उनके  साथ काफी बाद तक मेरे अच्छे सम्बन्ध रहे। रावला में संतोष और राकेश की शादी में उनके परिवार के साथ मुलाकातें हुईं थी। बाद में एक दो पारिवारिक पंचायतो के सिलसिले में गंगानगर व् विजयनगर 35GB, मैं साथ गया था। 
मन्नीवाली मैंने वहां छुट्टियों का खूब लुत्फ़ उठाया। खेतों में उनके साथ कपास चुगते हुए मैं अपनी बेसुरी आवाज़ में जोर-ज़ोंर से गाता था- 
अ ऐमेरे वतन के लोगो; 
ज़रा आँख में भर लो पानी; 
जो शहीद हुए है, उनकी
 ज़रा याद करो क़ुरबानी !

जयहिंद جیہینڈ  ਜੈਹਿੰਦ  
Ashok, Tehsildar  Srivijaynagar  9414094991

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