रविवार, 2 सितंबर 2012

YAADEN (52) यादें (५२)

जुलाई 1967 में SCHOOL खुलने के थोड़े दिन बाद, महेंद्र सिंह जी का तबादला हो गया। जिन लड़कों के पास CYCLE थी, वे उनका सामान पहुँचाने मोहन नगर RAILWAY स्टेशन गये थे। गर्मी की दोपहर और रेतीला रास्ता; घर देर से  पहुंचने के कारण, मेरे माँ-पिताजी चिंतित थे। काशीराम जी गणित पढ़ाते थे; वे काफी सख्त स्वाभाव के थे;  पर जिस दिन उनका तबादला हुआ, विदाई पार्टी में वे भावुक हो गये थे, तब मैंने उनकी कोमलता महसूस की थी। उन्होंने विद्यालय के लिए सहयोग भी दिया था।
सोहन लाल जी हिंदी पढ़ाते थे, उनकी हमारे गाँव में मनीराम गोदारा के साथ रिश्तेदारी भी थी; 33NP में उन्होंने कपास बीज रखी थी। जो लड़के 33NP के रास्ते पैदल जाते थे; उनको कपास चुगाई का काम मिला। दूसरे साथियों ने मुझे कहा; तो मैंने मना कर दिया। छटी की छमाही परीक्षा में मेरे 20/70 अंक आये। मैंने हंगामा खड़ा कर दिया। संयोगवश बाशी चाचा जी (सुभाषचन्द्र शर्मा) सोहनलाल जी के परिचित थे। उनको पता चला, तो उन्होंने मुझे समझा-बुझा कर शांत किया।
जयहिंद جیہینڈ  ਜੈਹਿੰਦ 
 Ashok, Tehsildar  Srivijaynagar  9414094991

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