मुझे तो याद नहीं, पर बलवीर सिंह की चर्चा अक्सर गाँव में चलती थी.शायद वो हमारी प्राथमिक पाठशाला के पहले अध्यापक थे हमारे घरों में उनका नाम सम्मान से लिया जाता था.HOATAA HAI KI
कच्ची पहली और पक्की पहली उन्होंने मुझे पढाया हो. लगभग पचास बरस बीतने पर भी, अक्सर मेरे मन में उनके प्रति श्रद्धा उमड़ आती है. हमारे घर में दुकान के पीछे वाले कमरे में थोड़े बहुत खेती के छोटे औजार रहते थे मोटाराम नायक हमारे खेत का काम करता था; वह उसमे ही अपना भी थोडा-बहुत सामान रखता था* कच्ची पहली का कायदा और उसके पीछे लिखी दो बिल्लियों की कहानी भी मुझे सुनाया करता था मेरे चाचाजी व माँ भी मुझे कायदा पढाया करते थे माँ ने बताया था कि स्कूल में मेरा दाखिला मझले मामाजी ने कराया था.बाद में ओमप्रकाश जी जगरूप सिंह जी, सेवक सिंह संधू, भैराराम माकड़ के नाम मुझे याद है. सेवकसिंह जी व भैराराम जी की लिखावट से मै प्रभावित था. ओमप्रकाशजी सहयोगी प्रकृति के थे* उसके बाद मैं भानियावाला चला गया था* जयहिंदجیہینڈ ਜੈਹਿੰਦ
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