रविवार, 4 दिसंबर 2011

YAADEN 12 यादें (१२)

मैं  SCHOOL कब जाने लगा? मुझे तो याद नहीं. माँ बताया करती थी की,
मैं SCHOOL जाने की जिद किया करता था. मामा केदारनाथजी ने मुझे भर्ती कराया था. मुझे याद है, नहर के पार पंचायत घर में SCHOOL लगता था. कई बार हम नहर के पास बबूल के पेड़ के नीचे बैठते थे.
बोरी घर से लेकर जाते थे. कभी कभी टाट-पट्टियाँ आ जाती थीं. आधी छुट्टी में उबला हुआ. गिलास घर से लेकर जाते थे. चौथी-पांचवी वाले ये काम करते थे. कुछ बच्चे फीका दूध पीते थे. कुछ घर से गुड, शक्कर या देसी खांड लाते थे. मेरे गिलास में मोटी दानेदार चीनी देखकर उनको अचरज होता था. वर्तमान स्थान पर सरपंच श्योकरण सहारण ने नीव रखी थी.  हम सब बच्चे प्रार्थना की मुद्रा में  हाथ जोड़े नहर से लकड़ी का पुल पार करके आये थे और हमें पातासों का प्रसाद  मिला था. सारा दृश्य आज भी मेरी आँखों में तैरता है. इस प्राथमिक विद्यालय से कई यादें जुडी हैं. एक हाल, एक सामान्य कमरा और एक छोटी रसोइनुमा कार्यालय और बड़ा सा खेल का मैदान बिना चारदीवारी. अब ये उच्च प्राथमिक है*
 जय हिंद جیہینڈ  ਜੈਹਿੰਦ
   

3 टिप्‍पणियां:

  1. From: Dinesh Mehan
    Date: Mon, 28 Nov 2011 20:28:54 +0530 (IST)
    Subject: Re: [APNY-BAAT] YAADEN(MILK POWDER)
    To: Ashok Kumar

    is vakya se mujhe mera school yad aa gya.. sab kuch at about same hi
    hai.. vahi ghar se bori lana.. gaanv me padhna, ped k niche kaksha
    lagna.. sab kuch..
    Regards:-

    Dinesh Mehan
    095495-20777

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