रविवार, 22 दिसंबर 2013

YAADEN (120) यादें (१२०)

 पटवार परीक्षा का परिणाम आने से पहले ही मेरा राजस्थान लोक सेवा आयोग से LDC में चयन हो गया था, पर मैं TYPE-TEST देने नहीं गया; मेरे खास दोस्त श्याम सिंह का रिश्ता मेरे पिताजी ने ही छोटा लालपुरा में बेलीराम आहूजा की लड़की विमला से करवाया, जो कि सुरेन्द्र कुमार के बड़े भाई थे; इनका मूल गाँव करडवाली है! यानि कि धनीराम जी की लड़की राजकुमारी, विमला की चाची है;
इसी दरम्यान मैं डोईवाला, भानियावाला, जॉली, देहरादून भी चक्कर लगा आया था; तब तक विश्वनाथ, श्याम सिंह, और हमारा पडोसी जरनैल सिंह रायसिख PWD में बेलदार लग चुके थे, पंडित तीरथराम जी का बड़ा लड़का तिलक राज विजयनगर RCP में LDC लग चूका था और ठाकुर सिंह जी का लड़का करण सिंह और मेरा सहपाठी श्रीराम ये दोनों भी विजय नगर में ही पुलिस में सिपाही लग चुके थे;
मोरारजी सरकार ने संसद में 44 वाँ संविधान संशोधन रखा,  जिसमे नागरिक अधिकारों को पुनः बहाली के लिए  42 वें संशोधन की पाबंदियों को भी खत्म किया गया ! इस तरह से अजीब-ओ-ग़रीब हालत और वाक़यात वाला 1977 बीत गया !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें