रविवार, 27 अक्तूबर 2013

YAADEN (112) यादें (११२)

पानीपत में NFL की परीक्षा व INTERVIEW से फारिग होकर मैं सीधा जम्मू चला गया था; वहां से सत्य बुआ को साथ लेकर आया, हम जम्मू-मद्रास में धुरी तक आये , यहाँ पहुँचने पर, अम्बाला श्रीगंगानगर पहले निकल गयी; हमारे पास सीधा टिकट था; धुरी 2 -3 घंटे बाद गाड़ी पकड़ कर बठिंडा आये, फिर ROUTE बदल कर आना पड़ा !
लगभग उन्हीं दिनों मुझे सिंचाई विभाग, सूरतगढ़ से दस्तावेजों के सत्यापन के लिए  बुलावा आ गया;  RCP Colony बड़ोपल road में जाकर सत्यापन करवाया; शेष तीन साथिओं ( चाचा रोशन लाल, मनीराम सुथार, और सुल्तान सुथार ) को बुलावा नहीं आया था, इससे गाँव में यह अफवाह लगभग पुख्ता हो गई थी - रामजी गो छोरो पटवारी लग गयो;
लगभग एक डेढ़ महीने बाद मुझे सिंचाई-पटवारी के प्रशिक्षण का बुलावा आ गया, 03.01.1977 को मुझे अधिशाषी अभियंता पूर्व खण्ड श्री विजय नगर के कार्यालय ( वर्तमान उपपंजीयक कार्यालय ) में उपस्थित होना था;     
यानि कि वर्ष 1976 का उतरार्ध ऐसा था कि - मैं मिट्टी में हाथ डालता तो सोना बन जाता था !
इस तरह पदम् कुमार जी की भविष्यवाणी फलीभूत हुई- "बेटा तेरा राज के खजाने में शीर है !"

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