जब हम IX C में थे, तो हिंदी के अध्यापक सोहनलाल शर्मा हमारे CLASS TEACHER थे। XI C दक्षिण दिशा वाले ऊपर के कमरे में थी। जबकि हमें XI C में पुरानी IX C की लाइन में उससे पश्चिम वाला कमरा मिला। कुछ दिन हमने BD NETHANI और सत्यपाल अरोड़ा जी से विरोध भी किया। यानी के XI C में हमर CLASS-ROOM भवन के उत्तर-पश्चिम में नीचे वाला, दक्षिण को खुलता हुआ था।
सत्यपाल अरोड़ा XI हमें PHYSICS पढ़ाते थे; वे Q क्यू को क्यऊ बोलते थे; उन्होंने ऐलान किया था कि, सालभर में जिसके PHYSIC में सबसे ज्यादा नंबर आयेंगे, उसे वे एक किताब ईनाम देंगे; और वो किताब मैंने ही जीती थी; XII के शुरुआत में ही उनका किसी अन्य स्थान पर चयन हो गया था, और वे PIC डोईवाला छोड़ कर चले गये थे; बाद में शायद 1979 या 80 में मेरे पिताजी के चाचा पिशोरी लाल जी के देहांत पर मैं और चाचा मदन लाल जी , चरण सिंह जी दिल्ली गये हुए थे, तो RAJAURI GARDEN में सब्जी खरीदते वक़्त, अचानक उनसे मुलाकात हो गयी;
सत्यपाल जी के जाने के बाद कुछ दिन BK GUPTA (भूपेन्द्र कुमार) जी ने CHEMISTRY और Physics दोनों पढाई, फिर धर्मेन्द्र कुमार जी की नयी नियुक्ति हुई, उनका बताया, हमारे पल्ले नहीं पड़ता था; हमने काफी प्रयास किया कि, गुप्ता जी ही हमें PHYSICS CHEMISTRY दोनों पढ़ाते रहें; पर हमारी बात नहीं मानी गयी; फिर श्रवण अग्रवाल, मैं, सुखदेव और एक साथी और हम चारों गुप्ता जी के पास एक महिना PHYSICS की TUTION पढ़े;
गुप्ता जी के पढ़ाने और समझाने का तरीका इतना व्यवहारिक था की CHEMISTRY एकदम से समझ में आ जाती थी; एक और विशेष बात यह थी कि, वे केवल BSs थे; और Intermediate की कक्षाओं को पढ़ाते थे; वे नजीबाबाद के रहने वाले थे, शरीर से मोटे थे, कुछ साल बाद मुझे पता चला कि उनका देहांत हो गया; उनका चेहरा, अंदाज़ और अल्फाज़ वैसे ही मेरी आँखों में तैरते हैं;
सत्यपाल अरोड़ा XI हमें PHYSICS पढ़ाते थे; वे Q क्यू को क्यऊ बोलते थे; उन्होंने ऐलान किया था कि, सालभर में जिसके PHYSIC में सबसे ज्यादा नंबर आयेंगे, उसे वे एक किताब ईनाम देंगे; और वो किताब मैंने ही जीती थी; XII के शुरुआत में ही उनका किसी अन्य स्थान पर चयन हो गया था, और वे PIC डोईवाला छोड़ कर चले गये थे; बाद में शायद 1979 या 80 में मेरे पिताजी के चाचा पिशोरी लाल जी के देहांत पर मैं और चाचा मदन लाल जी , चरण सिंह जी दिल्ली गये हुए थे, तो RAJAURI GARDEN में सब्जी खरीदते वक़्त, अचानक उनसे मुलाकात हो गयी;
सत्यपाल जी के जाने के बाद कुछ दिन BK GUPTA (भूपेन्द्र कुमार) जी ने CHEMISTRY और Physics दोनों पढाई, फिर धर्मेन्द्र कुमार जी की नयी नियुक्ति हुई, उनका बताया, हमारे पल्ले नहीं पड़ता था; हमने काफी प्रयास किया कि, गुप्ता जी ही हमें PHYSICS CHEMISTRY दोनों पढ़ाते रहें; पर हमारी बात नहीं मानी गयी; फिर श्रवण अग्रवाल, मैं, सुखदेव और एक साथी और हम चारों गुप्ता जी के पास एक महिना PHYSICS की TUTION पढ़े;
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जयहिंद جیہینڈ ਜੈਹਿੰਦ
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