रविवार, 14 अक्तूबर 2012

YAADEN (58) यादें (५८)

विद्यालय में झाड़ू-बुहारी; पेड़ों को पानी आदि काम उस समय ख़ुशी-ख़ुशी किये जाते थे। माँ-बाप भी इसे अच्छा मानते थे। मैंने भी एक पेड़ लगाया हुआ था; उसकी देखभाल मैं ही करता था। एक दिन मैं पानी डालने गया; उसमे तो पहले से किसी ने पानी डाला हुआ था। मैंने शिकायत कर दी। गुरूजी ने मुझे समझाया ; तो मैं अनमने मन से चुप हो गया। 
छटी में एक शब्द आया- FOREIGN गुरूजी ने बताया- दूसरा देश; मुझे  समझ में आया- दूर का देश;
आठवीं में गुरूजी ने सवाल पूछा- 
IS PAKISTAN A FOREIGN COUNTRY ?
तेजा सिंह ने जवाब दिया- YES;  PAKISTAN IS A FOREIGN COUNTRY !
मैंने फ़ौरन कहा- NO; PAKISTAN IS NOT A FOREIGN COUNTRY !


जयहिंद جیہینڈ  ਜੈਹਿੰਦ  
Ashok, Tehsildar  Srivijaynagar  9414094991

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