रविवार, 11 मार्च 2012

YAADEN(27) यादें (२७)

गाँव में आने जाने वाले साधू संत और यात्री व्यापारियों के प्रति विश्वास भाव था. उनके ठहरने खाने की व्यवस्थाएं की जाती थी. हमारे घर
भी यदा-कदा साधू-महात्मा या व्यापारी रुकते रहते थे. कथा प्रसंग भी
होते थे. अमृतसर से दो वंजारे पांच-चार महीने में अक्सर फेरी
लगाने आते थे उन में से एक हमारे घर ही रुकते थे. और सुबह जाते
वक़्त मेरी छोटी बहनों सरोज सुशीला व शशि को चूडियाँ देते थे.
गायों के झुण्ड लेकर मिएँ आते थे. हम उनसे 8/- रूपये सेर मक्खन
लेकर 12 / रुपये किलो घी बेचते थे उस वक़्त चना 40 पैसे व गेहूं 50 पैसे किलो खरीदते थे ! 
-- जय हिंद جیہینڈ  ਜੈਹਿੰਦ
http://www.apnyvaani.blogspot.com/     http://www.apnykatha.blogspot.com/ 
My Location at Globe 74.2690 E; 29.6095N 
       Ashok, Tehsildar Hanumamgarh 9414094991

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें