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महिलाओं को मानित या अपमानित करने में, महिलाएं ही मुख्य होती हैं! पुरुष तो गौण होता है! स्वयं के चार उदहारण पेश हैं: -
१- अक्तूबर १९८१को, मैं अपनी माताजी व पत्नी के साथ ससुराल गया था! मेरी सालेहारी उम्र में मुझसे छोटी है, रिश्ते में बड़ी है! मैंने हंसी मजाक में, उन्हें- "तू"
बोल दिया!
मेरी माता ने सबके सामने मुझे डाँटा-
तुझे शर्म नहीं आती, बड़ी सालेहार को तू बोलते हुए।
२- १९८४ में मैंने पत्नी को थप्पड़ मार दिया! छोटी बहिन शशि बोली-
पिता जी को बताउंगी, कि भाई ने भाभी को मारा!
हम दोनों अपना झगड़ा भूलकर उसे मनाने लगे:-
पिताजी को मत बताना!
३- २००३ में हम दोनों में झगड़ा हो गया, छोटी बेटी स्वाति नें मुझसे कहा: -
शादी ऐसी ही होती है, तो मैंने शादी नहीं करनी!
४- और अब अँतिम विनिश्चय! हम दोनों में झगड़ा हो जाने पर, जब भी पत्नी से पूछता हूँ:-
नाराज़ हो क्या?
हमेशा एक ही जवाब मिलता है:- न!
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