रविवार, 10 अगस्त 2014

YAADEN (153) यादें (१५३)

APRT टोंक में अल-सुबह मुँह अँधेरे हुसैन खान जी PTI की WHISTLE बज जाती थी -

दौड़ते हुए, भागते हुए ! दौड़ते हुए, भागते हुए !!
मैंने बड़े-बड़े तहसीलदारों को सीधा कर दिया है! तुम तो गिरदावर हो !!
प्रशासनिक अधिकारी - कामयाबी के लिए दो बातें याद रखना-
जेब में PEN मत रखो !
दिमाग़ से काम मत लो !
ACCOUNTS OFFICER DR MAMODIAथे,
IRA मनमोहन लाल गोयल कहते थे - हम ACCOUNT वाले बड़ा ,मीठा-मीठा बोलते हैं; पर लिखते वक़्त कभी नहीं चूकते !
उनसे मैंने "निवेदन " शब्द के प्रयोग सीखा !
PRINCIPAL महेंद्र सिंह यादव, गंगानगर शुगर मिल महाप्रबंधक के पद पर चले गये और PD पालीवाल आये, KK सिंगल VICE-PRINCIPAL थे, जो बाद में श्रीकरणपुर SDM रहे थे; वे कक्षा में कुछ नया करवाते रहते थे; बंद पर्चियों में लिखना-
मुझ में क्या कमी है
दूसरों में क्या अच्छाई है;
मुझे दूसरों से क्या अपेक्षा है

PATWAR TRAINING SCHOOL में अध्यापन के दौरान मैंने भी ऐसे प्रयोग काफी किये थे !

LECTURER महेश चन्द्र गुप्ता जी का मुझ पर काफी स्नेह रहा था; कुछ वर्ष पूर्व वे अतिरिक्त महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक अजमेर के पद पर रहे हैं ! K रामबिहारी जी, सेटलमेंट ऑफिसर थे; उनके वाक्यों को मैंने अभी तक मन में रखा हुआ है-
NOT ONLY ACT;
BUT WITH TACT;
 AND WITHIN THE FACT !!



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